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राष्ट्रीय कवि संगम के राममोहन शुक्ल अध्यक्ष,रोहित दीक्षित बने महामंत्री

फर्रुखाबाद/ देश की राष्ट्रव्यापी अखिल भारतीय साहित्यिक संस्था राष्ट्रीय कवि संगम के तत्वावधान में आचार्य ओम प्रकाश मिश्र कंचन जयंती व राष्ट्रीय अध्यक्ष जगदीश मित्तल के जन्म दिवस के उपलक्ष्य में काव्य गोष्ठी व जिला कार्यकारणी गठन समारोह का आयोजन किया गया ।

रविवार को नगर के महादेव प्रसाद स्ट्रीट नटराज भवन में आयोजित कार्यक्रम का शुभारंभ इटावा से आए प्रवासी अधिकारी प्रांतीय अध्यक्ष राष्ट्रीय कवि रोहित चौधरी, राष्ट्रीय कवि डाक्टर शिवओम अम्बर डाक्टर,संतोष पाण्डेय, राम अवतार शर्मा इन्दु उमाशंकर वर्मा साहिल आदि ने सरस्वती के समक्ष प्रज्ज्वलित कर किया ।

इटावा से आए राष्ट्रीय कवि प्रांतीय अध्यक्ष रोहित चौधरी ने फर्रुखाबाद कन्नौज इकाई का के गठन कर जिसमें राम मोहन शुक्ल को अध्यक्ष,राष्ट्रसेवक रोहित दीक्षित को महामंत्री, बनाया गया इसी के साथ अमित त्रिवेदी, अनुराग दीक्षित, स्मृति अग्निहोत्री को उपाध्यक्ष,विशाल श्रीवास्तव प्रियांशु पाण्डेय, दिनेश अवस्थी,मंत्री व डाक्टर शिवओम अम्बर,संतोष पाण्डेय,अनिल प्रताप सिंह,महेश पाल सिंह उपकारी, प्रमोद दीक्षित संरक्षक,राम शंकर अवस्थी ,राम अवतार शर्मा इन्दु, रविन्द्र भदौरिया सुरेन्द्र पाण्डेय मार्गदर्शक, ओम प्रकाश दुबे ओमू एड.वीरेंद्र बाथम एड. विधि सलाहकार,अनुराग पाण्डेय रिंकू मीडिया प्रभारी चुने गए इसी के साथ कन्नौज इकाई में अरविंद बाजपेई अध्यक्ष,कुमार विवेक महामंत्री पुष्पेन्द्र शर्मा को उपाध्यक्ष बनाया गया ।

कार्यक्रम में इटावा से आए राष्ट्रीय कवि रोहित ने कहा की राष्ट्रीय कवि संगम पूरे देश में कविता के माध्यम से राष्ट्र जागरण करने का कार्य करती है, संगठन का उद्देश्य भारतीय संस्कृति का संरक्षण और राष्ट्रीय चिंतन प्रमुख उद्देश्य है राष्ट्रीय अध्यक्ष जगदीश मित्तल जी के 75वें जन्म दिवस पर पूरे देश में साहित्यिक आयोजन किए जा रहे है। नम्बर माह में दिल्ली में पूरे देश के सभी राज्यों जिलों के कवि पहुचेंगे उन्होंने ‘जब जब कुल की मर्यादा खूंटी पर टांगी जाती है,खिंची हुई पौरुष से लक्ष्मण रेखा लांघी जाती है।

विपरीत धार में तब जीवन की नौका खेनी पड़ती है,जनकनन्दिनी को भी अग्निपरीक्षा देनी पड़ती है पंक्तियां पढ़ीं।कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे राष्ट्रीय कवि डाक्टर शिवओम ने नव गठित कार्यकारणी को शुभकामनाएं दी उन्होंने आचार्य कंचन को नमन करते हुए कहा आचार्य कंचन जनपद का एक अनमोल रतन थे वह आज भी हम सब की स्मृतियों में जीवित है उन्होंने ‘राम हमारा कर्म, हमारा धर्म,गति है बिना राम के आदर्शों का चर्मोत्कर्ष कहां है,बिना राम के इस भारत में भारत वर्ष कहां है। कन्नौज से आए उमाशंकर वर्मा साहिल ने ‘ मैं अपने गांव का पोखर हूँ सबके काम आता हूँ।समुंदर से भी मिलने की नहीं चाहत मुझे क्योंकि वो मीठा हो नहीं सकता मैं खारा हो नहीं सकता रचना पढ़ी कुमार विवेक ने कहा ‘राग रागिनी की बरसती फुहार हो। क्रूरता पे संगठित होके प्रहार हो।कोई भी अधर्म हमें तोड़ न सके,भारतीयता का ऐसा संस्कार हो।

संस्कार भारती के प्रांतीय महामंत्री व भारतेंदु नाट्य अकादमी के सदस्य सुरेन्द्र पाण्डेय ने कहा कि कंचन जी साधारण जीवन जीने वाले व्यक्ति थे उन्होंने कला और साहित्य के लिए जीवन भर कार्य किया । काव्य गोष्ठी में कवियों ने काव्य पाठ किया ।अनुराग पाण्डेय’ उमाशंकर वर्मा साहिल ,डॉक्टर संतोष पाण्डेय, राम अवतार शर्मा इन्दु, राम शंकर अवस्थी अबोध जिला मंत्री संभाग अध्यक्ष दिलीप कश्यप निहारिका पटेल,दिनेश अवस्थी, संजीव अगिनहोत्री आदेश दीक्षित, गुड्डू अग्रवाल, प्रसून अग्रवाल, मंटू मिश्रा आदि मौजूद रहें संचालन राम मोहन शुक्ल ने किया

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