[wonderplugin_slider id=1]

जयंती के उपलक्ष्य में काव्य गोष्ठी का हुआ आयोजन

कला एवं साहित्य की अखिल भारतीय संस्था संस्कार भारती द्वारा आचार्य ओम प्रकाश मिश्र कंचन की जयंती के उपलक्ष्य में काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया ।

फर्रुखाबाद (तस्वीर न्यूज )सोमवार को नगर के महादेव प्रसाद स्ट्रीट नटराज भवन में आयोजित काव्य गोष्ठी का शुभारंभ कार्यक्रम अध्यक्ष राष्ट्रीय कवि डॉक्टर शिवओम अम्बर,प्रांतीय महामंत्री सुरेन्द्र पाण्डेय,कार्यकारी अध्यक्ष नवीन मिश्रा नब्बू, सचिव दिलीप कश्यप, डॉक्टर संतोष पाण्डेय,संयोजिका भारती मिश्रा द्वारा दीप प्रज्ज्वलित किया गया ।

अरविंद दीक्षित ने संस्कार भारती गीत का सामूहिक गान कराया । राष्ट्रीय कवि डॉक्टर शिवओम अम्बर ने कहा कि फर्रुखाबाद में कंचन जी का वहीं स्थान है जो हिन्दी साहित्य में आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी का रहा है जिन्होंने अपने समय में कवि-समाज को कान और कलम पकड़कर सही दिशा का बोध कराया और कवि को क्रांतिदर्शी के पद पर प्रतिष्ठित किया श्रद्धेय कंचन जी संस्कार, व्यवहार,आचार और विचार के पुरोधा पुरुष रहे हैं आज भी है,और सदा रहेंगे। उन्होंने लफ्जों में टंकार बिठा, लहजे में खुद्दारी रख,श्रीमद्भागवत गीता पढ़,युद्ध निरन्तर जारी रख। प्रांतीय महामंत्री सुरेन्द्र पाण्डेय ने कहा कि कंचन जी साहित्य संगीत नाट्य की त्रिवेणी थे, उनके द्वारा संस्कार भारती फर्रुखाबाद रूपी जो वृक्ष लगाया गया वह आज उनके आशीष से पुष्पित और पल्वित हो रह है, वे एक सच्चे कला साधक थे उन्होंने अपना पूरा जीवन कला और साहित्य के लिए समर्पित कर दिया

डॉक्टर संतोष पाण्डेय ने ‘इन छिली पीठों के काले दस्तख़त पहचानिए, वक्त की रफ्तार का अंदाज पाने के लिए। कंचन जी के शिष्य रामअवतार शर्मा इन्दु ने’अमरत्व प्रदायनी है रहेगी, कवि कंचन की अमरा कविता छंद पढ़ा।संयोजिका भारती मिश्रा ने ‘जिन्हें हम दिन रात खेले हैं, हम उन्हीं के आंगन में पले हैं, चाहे बचपन हो या बुढ़ापा, स्त्री जीवन के यही सिलसिले हैं पंक्तियां पढ़ीं।प्रीति तिवारी ने ‘यूं दिखावे का दर्पण नहीं चाहिए,ऐसा वैसा समर्पण नहीं चाहिए,जिंदा रहते उन्हें पानी न दे सके, अब बुजुर्गों का तर्पण नहीं चाहिए मुक्तक पढ़ा । महेश पाल सिंह उपकारी ने कहा ‘ऐसे ही सत्पुरुष सदा इतिहास रचा करते हैं, इनकी श्रेष्ठ साधना की सब युग अर्चा करते हैं। राम मोहन शुक्ल ने शुक्ल ने कहा अब तो कब्र में भी सब्र ने नहीं वो आते हैं जगा जाते हैं,मैं जल रहा था पहले से वो आकर शमा जला जाते हैं।उपकार मणि उपकार ने ‘झुलस रही हैं बराबर ही उंगलियां उसकी, मगर चिराग जलाने में लगा रहता है गज़ल पढ़ी।निमिष टंडन ने कहा ‘बिन गुजरा एक अरसा हूं मैं, तेरी छुअन को तरसा हूं मैं ।विशाल श्रीवास्तव ने कहा वो मुझे हराने की जिद ले षण्यंत्र सदा ही रचते थे, मैं विजयी हुआ,षण्यंत्रों से और आतातायी हार गए। अध्यक्ष नवनीत गुप्ता ने कार्यक्रम में आए सभी लोगों का धन्यवाद ज्ञापित किया ।सचिव दिलीप कश्यप ने सभी को स्मृति सम्मान पत्र,चिन्ह,और पट्टिका ओढ़ाकर सम्मानित किया ।

कार्यक्रम का संचालन कर रहे वरिष्ठ कवि डॉक्टर संतोष पाण्डेय महेश पाल सिंह उपकारी ने आचार्य ओम प्रकाश मिश्र कंचन सम्मान देकर सम्मानित किया ।इस अवसर पर। अर्चना द्विवेदी, दीपक रंजन सक्सेना, नक्श थिएटर के डायरेक्ट अमित सक्सेना,राज गौरव पाण्डेय अनुभव सारस्वत,प्रीतू वर्मा, किरण त्रिवेदी, कविता शुक्ला, रीतू शुक्ला, प्रवीण अवस्थी, मंटू मिश्रा आदेश दीक्षित गुड्डू अग्रवाल,अंकित गुप्ता, विशाल पाठक, विशाल सिंह, धीरज मौर्या, नवनीत मिश्रा,रघुनाथ बिहारी सक्सेना आदि लोग मौजूद रहे। (संपादक तस्वीर क्राइम न्यूज इंतखाब अख्तर)

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *